
Paytm founder Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi
“कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती” यह वाक्य इस इन्सान पर पूरी तरह से फिट बैठता है। मै आज बात कर रहा हु, Paytm founder Vijay Shekhar Sharma की जो असफलता से घबराये नहीं, बल्कि असफलता से सीख कर आगे बढ़ते रहे और सफलता की उचाई को छुआ।
कैसे दिल्ली की सडको पर घूमने वाला एक नवजवान, 40 साल की उम्र में ही देश का युवा अरबपति बन गया। आइये पढ़ते है Paytm founder Vijay Shekhar Sharma sucusess story.
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विजय शेखर शर्मा का बचपन और प्रारंभिक शिक्षा(Vijay Shekhar Sharma’s childhood and early education)
विजय शेखर शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के गॉव विजयगढ़ में 8 जुलाई 1973 को हुआ था। उनके पिता स्व. सुलोम प्रकाश शर्मा एक स्कूल टीचर थे और उनकी माँ एक गृहणी थी। वो एक बेहद अनुशासन वाले परिवार में पले-बढ़े।
उनके पिता काफी ईमानदार इन्सान थे। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हो की वे ट्यूशन पढ़ाने को भी अनैतिक मानते थे। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए काफी प्रयास किया और उन्होंने अग्रसेन इंटर कॉलेज को 50 लाख भी दिया था।
विजय शेखर ने अपनी पढ़ाई गांव के हिंदी Medium स्कूल से किया। वे पढ़ाई में काफी अच्छे थे। 9वी क्लास में जब वे Second आये तो उनके पिता को शक हुआ की विजय सही में Second आये है, या उनके मित्रो ने मित्रता भाव के कारण, विजय को second कर दिया है।
उनके पिता ने इस बारे में पता किया तो कुछ अलग ही बात पता चली । विजय के टीचर ने किसी और बच्चे को first करने के लिए विजय को Second कर दिया था। उनके पिता यह बात अच्छी नहीं लगी। उसके बाद उनके पिता ने यह निर्णय किया की, विजय अब यहाँ नहीं पढ़ायेगे।
वे 10वी की पढ़ाई के लिए विजय शेखर को अपने साथ हरदुआगंज (अलीगढ़ से 10 km दूर ) ले गए और वही D.A.V स्कूल में एडमिशन करा दिया। उस समय उनके पिता उसी स्कूल में टीचर भी थे और वही से वे प्रिंसपल के पद से retried भी हुए।
बचपन के दिनों में विजय शेखर बहुत अंतरमुखी थे, और कई बार जब कोई मेहमान घर आता था, तो वह घर के अंदर चले जाते थे। जब कोई घर पर आता था तो उनकी मां कहती थीं कि ‘हमारे घर में एक बहू भी है जो अंदर चली गई होगी अभी उसको बुला कर लाओ’।
विजय शेखर पढ़ने में काफी मेघावी थे और इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हो की, 14 साल की उम्र में ही उन्होंने 12वी पास कर ली थी।
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में 47 वीं रैंक (47th rank in Delhi College of Engineering)
जब Vijay Shekhar ने 12वी की उस समय उनकी उम्र 15 साल थी जिसके वजह से वे engineering का फॉर्म नहीं भर सके। लेकिन Aligarh University में उम्र की बाध्यता नहीं थी। वहां उन्होंने ने फॉर्म भरा और entrance test clear भी कर लिया, लेकिन interview में वे फेल हो गए।
उसके बाद वे 1 साल engineering entrance test की तैयारी की और दुबारा टेस्ट दिया, उनका सिलेक्शन Delhi college of engineering में हो गया। Vijay Shekhar ने उस exam में 47 रैंक प्राप्त किया।
जब अंग्रेजी चुनौती बन गई (When English became the challenge)
विजय शेखर बचपन से हिंदी मेडियम से पढ़े थे, जिसके वजह से उनकी इंग्लिश अच्छी नहीं थी। इंग्लिश अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा।
उन्हें क्लास में आगे बैढने की आदत थी तो वे यहाँ भी आगे बैढने लगे। लेकिन यहाँ जब टीचर उनसे सवाल पूछते तो उन्हें समझ में नहीं आता । जिस वजह से वो क्लास के पीछे बैढने लगे।
उन्हें डर लगता कि कहीं कोई प्रोफेसर इंग्लिश में कोई सवाल न पूछ ले। जिसके कारण धीरे-धीरे वो क्लास आना ही बन्द कर दिया। इसके वजह से वो हतोत्साहित भी होने लगे हालांकि इस दौरान वो भटके नहीं, वो डटे रहे।
उन्होंने ने इंग्लिश सीखने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया वो एक ही Book को हिंदी और English भाषा में खरीदते और दोनों बुक को एक साथ खोलकर इंग्लिश को समझते। इसके साथ-साथ वे इंग्लिश मैगजीन और अखबार पढ़ना शुरू कर दिया और अपने इंग्लिश को सुधारा।
इसके साथ-साथ वे किताब पढ़ कर और Stanford College के कुछ Genius लोगो को फॉलो करते हुए, coding सीखना शुरू कर दिया। कॉलेज में ही विजय शेखर ने अपनी पहली कंपनी xs communications बनाई।
उन्होंने खुद का एक Content Management System बनाया जिसे वह अपने हॉस्टल के कमरे से चलाते थे। जिसे बाद में The Indian Express के आलावा बड़े-बड़े newspaper ने use करना शुरू कर दिया।
इंटरनेट और कंप्यूटर के प्रति विजय शेखर की दिलचस्पी बढ़ने लगी (Vijay Shekhar’s interest towards Internet and computer started growing)
जब वे English magazine पढ़ना शुरू किया तो उनको बड़े-बड़े Business man के बारे में जानने को मिला। उन्हें Bill Gates और Silicon valley के बारे में पता चला।
विजय शेखर Hotmail के संस्थापक Sabeer Bhatia और याहू के संस्थापक Jerry Yang एवं David Filo से प्रभावित होकर, वे इंटरनेट की दुनिया में बड़ा कुछ करना चाहते थे। वे अमेरिका जाने की सोचने लगे लेकिन वहां जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
फिर उन्होंने Noida में एक अमेरिकी सॉफ्टवेयर कम्पनी River run ज्वाइन कर लिया लेकिन 6 महीने बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ दिया।
Indiasite.net नामक एक पोर्टल डिज़ाइन किया (Sharma designed a portal Indiasite.net)
1997 में, शर्मा ने अपने दोस्त Takhar के साथ मिलकर Indiasite.net नामक एक पोर्टल डिज़ाइन किया। वे कम्पनी के पास interview देने जाते और सिलेक्शन हो जाने के बाद वो कम्पनी से बोलते की हमें छोटे-छोटे प्रोजेक्ट दे दो।
कुछ कम्पनी तो मना कर देती। लेकिन धीरे-धीरे छोटे प्रोजेक्ट मिलने लगे। दो साल बाद, विजय शेखर ने Indiasite.net को Lotus Interworks (USA) को 1 मिलियन डॉलर में बेच दिया।

Paytm founder Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi
One97 कंपनी की शुरुवात (One97 company)
विजय शेखर को नौकरी करना पसंद नहीं आया और उन्होंने नौकरी छोड़ दिया। उन्होंने घर पर बोला की वे कम्पनी खोलना चाहते है, लेकिन घर वाले चाहते थे की वे जॉब ही करे। विजय शेखर ने अपनी माँ को इस बात पर राजी कर लिया की वे केवल 2 साल तक ही जॉब करेंगे।
one97 की शुरुवात की की कहानी काफी interesting है। साल 2000, उस समय मोबाइल फ़ोन की शुरुवात ही हुई थी। विजय शेखर उस समय Startec नाम की कम्पनी में काम कर रहे थे जो Airtel के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का काम करती थी।
विजय शेखर ने Airtel के लिए एक फ़ोन डायरेक्टरी बनाई थी और उसी आधार पर बाद में उन्होंने one97 नाम से एक सॉफ्टवेयर बनाया।
विजय ने सॉफ्टवेयर को Sunil Bharti Mittal(Airtel, CEO) के सामने रखा। वे विजय शेखर से इम्प्रेस हुए और उन्होंने विजय शेखर को Airtel की एक value added services ज्योतिष (Astrology) दे दी और कहा की इसके बदले में तुम अपनी सर्विसेज देते रहो।
one97 कम्युनिकेशन्स क्या है (what is one97 communications)
साल 2000, में विजय शेखर ने 24% intrest पर 8 लाख लोन लेकर One97 Communications Ltd. नाम से कम्पनी की शुरुवात की, जो मोबाइल वैल्यू एडेड सर्विस देती थी।
One97 Communications Ltd मोबाइल के लिए तरह तरह के कंटेंट जैसे Exam Result, Ringtone, न्यूज़, क्रिकेट स्कोर, जोक्स जैसी सेवा प्रदान करती थी, लेकिन इस कंपनी को भी 9/11 के आर्थिक संकट की वजह से नुक्सान उठाना पड़ा।
एक वक्त ऐसा भी आया जब वो हॉस्टल में रहने लगे और पैसा बचाने के लिए वो कभी-कभी पैदल भी चलना पड़ता। अपने स्टाफ की सैलरी चुकाने के उन्हें Loan भी लेना पड़ा। इस तरह वो जीवन से संघर्ष करते रहे। लेकिन हार नहीं मानी।
Paytm के संस्थापक (Founder of Paytm)
विजय शेखर ने देखा टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर काफी ग्रो कर रहा है और लोगो का मोबाइल फ़ोन में दिलचस्पी भी बढ़ रही है, तो उन्हें cashless transaction का आईडिया आया।
उन्होंने One97 के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सामने इसका प्रस्ताव रखा लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को इस लिए मना कर दिया क्योकि उस समय सबके पास स्मार्ट Mobile नहीं था।
लोग cash में ही transaction ज्यादा करते थे और उनके लिए यह एक नया मार्किट था। वो जोखिम नहीं लेना चाहते थे।
Vijay Shekhar का यह मानना था, कोई भी नई चीज करने में जोखिम तो होता ही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हम जोखिम ही न ले।
विजय शेखर अपने इस सपने को साकार करने के लिए अपने personal equity के 1% शेयर बेचकर $ 2 मिलियन इकठा किया और अगस्त 2010 में Paytm की स्थापना कर दिया।
Paytm क्या है और यह कैसे काम करता है ? (What is Paytm and how does it work?)
Paytm का मतलब “Pay through Mobile” है। पेटीएम एक डिजिटल भुगतान करने का एक तरीका है, जो आपको अपने Account से paytm वॉलेट में पैसे transfer करने की सुविधा देता है।
इस वॉलेट मनी से आप दुसरो को पेमेंट कर सकते है। यह और पेमेंट से different इस तरह है की पेमेंट के समय आपके पास Debit/Credit कार्ड का होना जरुरी नहीं है।
पेमेंट के लिए आप के पास एक स्मार्ट मोबाइल होना चाहिए और जिसको पेमेंट देना है उसके पास भी स्मार्ट मोबाइल होना चाहिए।
पेटीएम वॉलेट में पैसे का उपयोग करके, आप कैश का उपयोग किए बिना कई सामानों के लिए भुगतान कर सकते हैं।
शरुवाती तौर पर प्रीपेड मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज प्लेटफार्म के रूप में इसे शुरू किया। और बाद में 2013 में डेटा कार्ड, पोस्टपेड मोबाइल और लैंडलाइन बिल भुगतान करने की सुविधा को जोड़ दिया गया।
जनवरी 2014 तक, कंपनी ने पेटम वॉलेट लॉन्च जैसी सुविधा को लांच किया और भारतीय रेलवे और उबर ने भी इसे भुगतान विकल्प के रूप में जोड लिया।
2015 में, Paytm पर शिक्षा शुल्क, मेट्रो रिचार्ज, बिजली, गैस और जल बिल भुगतान जैसे सुविधा शुरू हो गई।
2016 में, पेटीएम ने फिल्में, कार्यक्रम और मनोरंजन पार्क टिकट के साथ-साथ फ्लाइट टिकट बुकिंग करना शुरू कर दिया। और इसके साथ Paytm ने QR कोड लॉन्च किया। Paytm QR के मध्यम से आप किसी को पेमेंट कर सकते है।
अगस्त 2014 में, पेटीएम का पंजीकृत उपयोगकर्ता आधार 11.8 मिलियन था जो अगस्त 2015 में बढ़कर 104 मिलियन हो गया।
Paytm Payment Bank क्या है।
23 मई 2017 को Paytm Payment Bank लांच किया गया। Paytm Payment Bank हमें ऐसा डिजिटल बचत खाता प्रदान करता है, जिसे खोलने के लिए कोई शुल्क या न्यूनतम Balance की आवश्यकताएं नहीं होती हैं।
इस खाते में हम 1 लाख रुपये तक जमा कर सकते है और बिना कोई खाता शुल्क और बिना किसी चार्ज के अपने फोन पर बैंकिंग की सुविधा का आनंद लें सकते है।
इसके साथ-साथ यह अन्य बैंकिंग सेवाएं जैसे डेबिट कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा भी प्रदान करता है । लेकीन Paytm Payment Bank खुद उधार नहीं दे सकता है।
2017 तक 100 मिलियन से अधिक लोगो ने Paytm apps को डाउनलोड कर लिया है। अब भारत का पहला भुगतान ऐप बन गया है।
विजय शेखर शर्मा व्यक्तिगत जीवन (Vijay Shekhar Sharma Personal life)

Vijay Shekhar ने साल 2005 में Mirdula Sharma से शादी कर ली। उनका एक लड़का है जिसका नाम Vivaan Sharma है। विजय शेखर ने दिल्ली के गोल्फ लिंक्स में एक बंगला, 82 करोड़ में खरीदा है जो देश के काफी महंगा इलाकों में से एक है।
पुरस्कार और उपलब्धि (Achievement)
(1) 2015 में SABER अवार्ड्स, द्वारा “सीईओ ऑफ द ईयर” चुना गया।
(2) 2016 में द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा, एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर, चुना गया।
(3) साल 2016 में Exchange4media Group द्वारा, इम्पैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर, चुना गया।
(4) वर्ष 2016 में मानद डॉक्टरेट की उपाधि एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा दिया गया।
(5) इंडिया टुडे पत्रिका ने उन्हें 2017 के भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में 18 वां स्थान दिया।
(6) जीक्यू इंडिया ने उन्हें 2017 के लिए 50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीयों में शामिल किया।
मै यह आशा करता हु, कि Paytm founder Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi आपको जीवन में आगे बढ़ने कि प्रेरणा देगी।
निवेदन- Paytm founder Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi आपको कैसा लगा, कृपया अपने comments के माध्यम से हमें बताएं और अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो जरूर share करे।
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apne bahoot hi achha post share kiya hai sir ji
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Main inse bahut jada inspired huva
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